ShayariInfinity.com

A House of Quotes & Shayari

vikram betal story 9

विक्रम बेताल कहानी – 9 | सर्वश्रेष्ठ वर कौन – बेताल पच्चीसी – नवीं कहानी | Vikram Betal Story 9


Vikram Betal Story 9

चम्मापुर नाम का एक नगर था, जिसमें चम्पकेश्वर नाम का राजा राज करता था। उसके सुलोचना नाम की रानी थी और त्रिभुवनसुन्दरी नाम की लड़की। राजकुमारी यथा नाम तथा गुण थी। जब वह बड़ी हुई तो उसका रूप और निखर गया। राजा और रानी को उसके विवाह की चिन्ता हुई। चारों ओर इसकी खबर फैल गयी। बहुत-से राजाओं ने अपनी-अपनी तस्वीरें बनवाकर भेंजी, पर राजकुमारी ने किसी को भी पसन्द न किया। राजा ने कहा, “बेटी, कहो तो स्वयम्वर करूँ?” लेकिन वह राजी नहीं हुई। आख़िर राजा ने तय किया कि वह उसका विवाह उस आदमी के साथ करेगा, जो रूप, बल और ज्ञान, इन तीनों में बढ़ा-चढ़ा होगा।

एक दिन राजा के पास चार देश के चार वर आये। एक ने कहा, “मैं एक कपड़ा बनाकर पाँच लाख में बेचता हूँ, एक लाख देवता को चढ़ाता हूँ, एक लाख अपने अंग लगाता हूँ, एक लाख स्त्री के लिए रखता हूँ और एक लाख से अपने खाने-पीने का ख़र्च चलाता हूँ। इस विद्या को और कोई नहीं जानता।”विक्रम बेताल Story –9

vikram-betal-story-9

दूसरा बोला, “मैं जल-थल के पशुओं की भाषा जानता हूँ।”

More Stories: Vikram Betal Stories

तीसरे ने कहा, “मैं इतना शास्त्र पढ़ा हूँ कि मेरा कोई मुकाबला नहीं कर सकता।”

चौथे ने कहा, “मैं शब्दवेधी तीर चलाना जानता हूँ।”

चारों की बातें सुनकर राजा सोच में पड़ गया। वे सुन्दरता में भी एक-से-एक बढ़कर थे। उसने राजकुमारी को बुलाकर उनके गुण और रूप का वर्णन किया, पर वह चुप रही।

इतना कहकर बेताल बोला, “राजन्, तुम बताओ कि राजकुमारी किसको मिलनी चाहिए?”

राजा बोला, “जो कपड़ा बनाकर बेचता है, वह शूद्र है। जो पशुओं की भाषा जानता है, वह ज्ञानी है। जो शास्त्र पढ़ा है, ब्राह्मण है; पर जो शब्दवेधी तीर चलाना जानता है, वह राजकुमारी का सजातीय है और उसके योग्य है। राजकुमारी उसी को मिलनी चाहिए।”

राजा के इतना कहते ही बेताल गायब हो गया। राजा बेचारा वापस लौटा और उसे लेकर चला तो उसने दसवीं कहानी सुनायी।


Don`t copy text!