Nale-Ba – Short Horror Story In Hindi
आज एक ऐसा किस्सा आपके सामने रखने वाला हूँ जो सुनने में तो फ़िल्मी लगता है लेकिन वास्तविकता से इसका गहरा सम्बन्ध है | ये अप्रिय घटना हमारे देश की “सिलिकॉन वैली” कही जाने वाली बैंगलोर के कुछ हिस्सों में 1990 के दशक में अपनी दहशत से लोगों को थर-थर कांपने पर मजबूर कर दिया था | इस अप्रिय घटना पर बॉलीवुड में “स्त्री” नामक फिल्म भी बन चुकी है | बैंगलोर के मलेश्वरम और राजाजी गाँव से शुरू हुई नालेबा की यह दहशत आग की तरह पुरे बैंगलोर में फ़ैल चुकी थी |
बैंगलोर के गाँवों में आधी रात को एक चुड़ैल लोगों के घरों का दरवाज़ा खटखटाती थी और घर के ही सदस्य कीआवाज़ में पुकारती थी | अगर कोई दरवाज़ा खोल देता था तो उसकी मौत हो जाती थी | शुरुआत में लोगों को इन बातों पर विश्वास नहीं हुआ और वो इसे झूठलाते रहे लेकिन कुछ ही दिनों में नाले-बा के शिकार हुए लोगों की संख्या बढ़ने लगी और गांवों में चुड़ैल का डर अपने पैर पसारने लगा |
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महज़ कुछ ही दिनों में कई और ऐसी घटनाएं सामने आयी जिसमे लोग उस चुड़ैल का शिकार हुए | चारों तरफ लोगों और मीडिया में चुड़ैल के किस्सों के चर्चे थे और इससे बचने का अभी तक कोई उपाय नहीं मिला था | स्थिति ऐसी बन चुकी थी कि लोग सूर्यास्त के बाद लोग अपने परिवार के साथ अपने-अपने घरों में कैद हो जाते थे और किसी भी कीमत पर घर से बाहर नहीं निकलते थे | शाम होते ही मलेश्वरम और राजाजी नगर समेत आस-पास के अन्य गाँव की सड़कें सुनसान हो जाती थी | ऐसी ही एक रात को जब किसी औरत को उसके पति की आवाज़ में पुकारा गया तो वो औरत बेहद डर गयी थी क्यूंकि उस औरत का पति उसके ही सोया हुआ था| घबराहट में वो औरत उठी और खिड़की के पास जाकर देखा लेकिन बाहर कोई नहीं था लेकिन जैसे ही वह वापिस अपने बिस्तर की ओर जाने लगी वह आवाज़ फिर से आयी | अब वह महिला समझ चुकी थी वह चुड़ैल ही उसे पुकार रही है जिसकी पुरे गाँव में दहशत है | -Nale-Ba – Short Horror Story In Hindi
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उस औरत ने कांपते हुए कहा जोकि कन्नड़ भाषा का एक शब्द है “नाले-बा” जिसका हिंदी में अर्थ है “कल आना” | इतना कहते ही घर के बाहर से वो आवाज़ आना बंद हो गयी लेकिन अगली रात फिर से उस महिला के साथ वैसा ही हुआ और इस बार भी “नाले-बा” कहते ही घर के बाहर से वह आवाज़ आना बंद हो गयी | उस चुड़ैल से बचने का ये नुस्खा गाँव में जल्द ही प्रचलित हो उठा और एक समय ऐसा भी आया जब बैंगलोर के हर घर के दरवाज़े पर लिखा गया था “नाले-बा”|
लेकिन उस चुड़ैल का शिकार बन चुके बाकी लोग शायद उस महिला जितने खुशकिस्मत नहीं थे और ऐसे ही शख्स का नाम थे नागेश जोकि मलेश्वरम में अपने परिवार के साथ रहता था एक रात जब वह अपने घर मे सो रहा था तभी उसे आभास हुआ कि उसकी माँ उसे घर के बाहर से पुकार रही है और दरवाज़ा खटखटा रही है उसने जल्दबाज़ी में दरवाज़ा खोल दिया | दरवाज़े पर उसकी माँ नहीं उसकी मौत के रूप में चुड़ैल खड़ी थी | दरवाज़ा खुलते ही चुड़ैल ने भयावह हसी के साथ नागेश पर हमला कर दिया और एक ही वार में उसकी जान ले ली | -Nale-Ba – Short Horror Story In Hindi
नागेश की ही तरह कई और लोगों की जानें गई जिनकी मौत की वजह उस चुड़ैल को ही माना गया | लेकिन इस विचित्र चुड़ैल से छुटकारा पाने के इस अजीब से नुस्खे का पता चलने के बाद लोग “नाले-बा” शब्द को अपने घरों के दरवाज़े पर लिखने लगे और जिनके भी घरों के बाहर “नाले-बा” शब्द लिखा होता था उनके घर के बाहर से कोई आवाज़ नहीं आती थी | “नाले-बा” चुड़ैल का यह किस्सा इतना प्रचलित हुआ आज तक बैंगलोर में कुछ जगहों पर 1 अप्रैल को “नाले-बा” डे मनाया जाता है | आज भी बैंगलोर के कुछ हिस्सों में इस चुड़ैल की दहशत इस कदर बरकरार है कि आज भी लोग अपने घर के बाहर “नाले-बा” लिखते है और समय-समय पर यह एहतियात बरतते है कहीं वो चुड़ैल वापिस न आ जाये और खूनी ल फिर से न शुरू हो जाये |
Image Credits : Dailyhunt.com & Indianfolk.com
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